Friday, May 19, 2017

Income Tax Return: फॉर्म 16

 विषय: 
  • जब आपकी कंपनी आपको देगी फॉर्म 16 तो आपको किन चीजों का ख्याल रखना है.
  • अगर आप पुरानी प्रॉपर्टी बेचकर नई प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं जॉइंट अकाउंट पर तो हंड्रेड परसेंट कैपिटल गेन पर क्या टैक्स छूट मिलेगी?
  • क्या है प्रिजेम्पटिव टैक्स? 
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आइए सबसे पहले बात करते हैं इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आप सभी को अपनी कंपनी से फॉर्म 16 मिल चुका होगा या मिलने वाला होगा.
जब भी आपको फोन 16 मिले तो सबसे पहले आप इन बातों का ख्याल रखें
  1. आपको देखना है कि जो सैलरी आपकी सैलरी स्लिप पर आती थी क्या वह जोड़कर आपके फॉर्म 16 में दिख रही है.
  2. जो भी आपको अलाउंसेस मिलते थे क्या वह सभी अलाउंस उसमें आ गए हैं क्योंकि इन अलाउंसेस में आपको  कई तरह की छूट मिलती है जैसे कि एचआरए (HRA), मेडिकल, एलटीए (LTA) है. 
  3. इसके अलावा आपके पर्क (Perks) उसमें आ गए हैं या नहीं.
  4. आपकी कंपनी ने जो आपका टैक्स जमा किया है वह पूरा का पूरा है या नहीं. क्योंकि इस फॉर्म 16 में टैक्स जमा करने की जानकारी भी दी होती हैं जिससे आप यह पता कर सकते हैं कि कंपनी में आपका टैक्स सही सलामत समय पर जमा कर दिया है.
  5. फॉर्म 26AS  से  फॉर्म 16 का मिलान जरूर करें. फॉर्म 26AS में करदाता अपने कटे हुए टैक्स का ब्यौरा देख सकता है.
 अगर आपको 30 अप्रैल तक फॉर्म 16 नहीं मिला है तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है आपको थोड़ा और इंतजार करना चाहिए क्योंकि सरकार कंपनियों को फार्म 16 देने के लिए 31 मई तक का समय देती है अगर आपको 31 मई तक भी फॉर्म 16 नहीं मिलता है तब आपको कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है
  इस वित्तीय वर्ष 2017 में हाउस रेंट अलाउंस में बदलाव किया गया है. हाउस रेंट रिसीप्ट संबंधित कुछ टीडीएस के प्राविधान आए है जैसे कि:
5% टीडीएस कटेगा अगर ₹50000 प्रति महीने से ज्यादा किराया आप दे रहे हैं और इसके लिए TAN नंबर भी नहीं लेना पड़ेगा. लेकिन रेंट रिसीप्ट देते समय कुछ चीजों का ध्यान जरूर रखें जैसे कि:

  • आपके और मकान मालिक के बीच में रेंट एग्रीमेंट जरूर होना चाहिए.
  • आपके अकाउंट से निकलकर पैसे मकान मालिक के अकाउंट में ही जाना चाहिए और
  • आपके मकान मालिक इस पैसे को अपनी इनकम में जरूर दिखाए. 
अगर यह तीनों सावधानियां हुई हैं तो आप किसी भी परेशानी में नहीं फसेंगे.
अगर आपने इस वर्ष दो कंपनियों में काम किया है और इन दोनों कंपनियों ने टीडीएस काट कर आपको सैलरी दी है तो आप टैक्स रिटर्न भरने में ज्यादा सावधानी रखें क्योंकि आपका टैक्स रिटर्न भरना इसी वर्ष अनिवार्य है इसको आप अगले वर्ष नहीं भर सकते.
अगर आपने अपनी पुरानी प्रॉपर्टी बेचकर नई प्रॉपर्टी खरीदी है और वह प्रॉपर्टी जॉइंट नेम पर खरीदी है तो इस तरह के आय पर एक फैसला आया है की जिसने प्रॉपर्टी खरीदने में पैसा लगाया है सारा का सारा लाभ उसी को ही मिलेगा. दूसरे का नाम सिर्फ डलवा देने से दूसरे व्यक्ति को कोई लाभ नहीं मिलने वाला. इस तरह आप शत-प्रतिशत कैपिटल गेन पर टैक्स छूट का लाभ पा सकते हैं.
 असेसमेंट ईयर 2017-18 पहला साल होगा जब प्रोफेशनल्स भी प्रिजेम्पटिव टैक्स का लाभ ले पाएंगे. प्रोफेशनल्स के लिए एक नया प्रावधान आया है 44ADA इससे प्रोफेशनल को बहुत फायदा होने वाला है क्योंकि अभी तक हर प्रोफेशनल्स के लिए अपनी एक लाइब्रेरी बनाना और उस पर  हुए खर्चे को प्रूफ करना बहुत बड़ी समस्या थी. अब सरकार ने ट्रेडर्स का लाभ प्रोफेशनल को भी दिया है अगर आपकी आय (रेवेन्यू) 50 लाख स कम है तो आप प्रिजेम्पटिव टैक्स के अतर्गत आते हैं. इसमें आपको अपना 50% लाभ घोषित करना है और इसी पर आपको टैक्स देना है. इस टैक्स के अंतर्गत ला (law) प्रोफेशनल्स,आर्किटेक्ट, डेकोरेटर्स इत्यादि हैं और सरकार समय-समय पर नए प्रोफेशनल स्कोर इसमें जोड़ती रहती है. इसके लिए आपको किसी भी वहीखाते को बनाने की जरूरत नहीं है आप सिर्फ एक फॉर्म लीजिए और उसमें अपनी आय  घोषित करके अपना टैक्स भर दीजिए.

कैश लेनदेन के नियम:
सेक्शन 40A3 के तहत आप ₹10000 से ज्यादा कैश खर्च नहीं कर सकते और अगर आप ऐसा करते हैं तो आपका यह लेन-देन अमान्य होगा फिर भी अगर आप ऐसा करना चाहते हैं तो इस नियम के कुछ अपवाद 6DD मैं दिए गए हैं जैसे कि अगर आपका बैंक अकाउंट नहीं है या फिर आपको छुट्टी वाले दिन पेमेंट करनी है तो आप ₹10000 से ज्यादा कैश खर्च कर सकते हैं. 
सेक्सन 269ST के तहत अब दो लाख रुपए की सीमा तक सिंगल ट्रांजैक्शन ले सकते हैं.

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