म्यूचुअल फंड में निवेश बढ़ाने के लिए सेबी ने कई फैसले किए हैं सेबी जो कि एक शेयर मार्केट रेगुलेटर है ने e-वॉलेट पेमेंट बैंक से म्यूचल फंड में निवेश को मंजूरी दे दी है हालांकि इसके लिए ₹50 हजार प्रतिदिन की सीमा भी तय की गई है और इसके लिए म्यूचल फंड पेमेंट बैंक से ई-वॉलेट के करार को भी मंजूरी दे दी है.
फायदे:
- जिन कस्टमर्स के पास e-वालेट है उनके लिए यह एक खुशखबरी है क्योंकि e-वालेट से म्यूचल फंड में निवेश करना बहुत ही आसान हो जाएगा. जो नए लोग हैं उनके लिए यह बहुत फायदे का सौदा है और वह अब निवेश जल्दी कर पाएंगे.
- अब आपको ज्यादा पेपर वर्क नहीं करना पड़ेगा, जल्दी पेमेंट कर पाएंगे. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप इसके जरिए अब ज्यादा रिटर्न पा पाएंगे, क्योंकि म्यूचल फंड या किसी अन्य उत्पाद में निवेश करने से पहले आपको इसकी जानकारी होनी चाहिए कि आप किसमें निवेश करें, कितने समय के लिए निवेश करें और आप कितना रिटर्न प्राप्त करने के लिए निवेश कर रहे हैं. अगर आपको ज्यादा रिटर्न चाहिए तो आप इक्विटी में निवेश करेंगे अगर आपको सिक्योर्ड सुरक्षित रिटर्न चाहिए तो आप डेट में निवेश करेंगे यह दो तीन चीजें बहुत ही जरूरी होती हैं तो निवेश करने से पहले ग्राहक को यह सब समझ लेना बहुत जरूरी है.
प्रोविडेंट फंड (PF) से खरीदे घर:
प्रोविडेंट फंड में जमा हुए पैसों से अब आप घर भी खरीद सकते हैं और अपने घर की EMI भी भर सकते हैं आइए जानते हैं प्रोविडेंट फंड स्कीम में क्या बदलाव किए गए हैं.
प्रोविडेंट फंड में जमा हुए पैसों से अब आप घर भी खरीद सकते हैं और अपने घर की EMI भी भर सकते हैं आइए जानते हैं प्रोविडेंट फंड स्कीम में क्या बदलाव किए गए हैं.
इसमें किए गए दो बदलाव बहुत ही अच्छे हैं:
- आप अपने प्रोविडेंट फंड (PF) का 90% घर खरीदने में लगा सकते हैं. बहुत सारे लोग हैं जिनके पास डाउन पेमेंट के लिए पैसे नहीं होते, लेकिन उनके पास सैलरी अकाउंट होने से उनका EPF लगातार कट रहा होता है, तो वह ग्राहक जिनके पास डाउन पेमेंट के लिए तो पैसा नहीं है लेकिन घर खरीदने की इच्छा है उनके लिए बहुत ही अच्छा फैसला है.
- आप अपने घर की EMI भी PF अकाउंट से कटवा सकते हैं जब भी कोई ग्राहक नया घर लेता है तो शुरूआती सालों में उसे कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है जिसके कारण उसे EMI चुकाने में दिक्कतें आती हैं क्योंकि होम लोन की ईएमआई उसकी आय का 25 से 30% तक होती है और वह लंबे समय के लिए जुड़ जाती है इस तरह से लंबे समय के लिए उसकी सैलरी का लंबे समय के लिए उसकी सेलरी का लिंग बड़ा भाग एक बड़ा भाग हिस्सा लोन देने में चला जाता है लेकिन अब वह लेकिन अब ब शुरूआती दिनों की EMI अपने PF अकाउंट से कटवा सकेगा.
- जो लोग पहला होम लोन लेना चाह रहे हैं और पैसे नहीं बचा रखे हैं उनके लिए यह एक बहुत ही आसान तरीका हो गया है
जरूरी बातें?
- इस स्कीम के लिए आप कम से कम 3 साल की अवधि का EPF अकाउंट होना चाहिए.
- इसमें कम से कम ₹20 हजार जमा होने चाहिए.
- आप इस स्कीम को सिर्फ एक बार ही ले पाएंगे.
- यह पैसा आपके पास नहीं आएगा मंकी बल्कि सीधे तौर पर आपकी सोसायटी या फिर बिल्डर को जाएगा.
अगर आपके पास इस PF अकाउंट है और आप इसको अपने लोन अकाउंट से जोड़ना चाहते हैं तो इसके लिए आपको सिर्फ एक एप्लीकेशन देना होगा, जिसके जरिए आपके PF का पैसा सीधे तौर पर आपकी सोसायटी या फिर उस बिल्डर को जिससे आपने घर ले रखा है को चला जाएगा.
अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम:
सरकार ने दो तरह की हाउसिंग स्कीम निकाली है. पहले यह स्कीम सिर्फ 6 लाख तक की थी लेकिन अब अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम 9 लाख और 12 लाख तक की आ गई है जिसमें सरकार ने 4% और 3% की छूट देनी शुरू की है.
आवश्यकताएं:
आवश्यकताएं:
- आपके परिवार की आय 18 लाख तक ही होनी चाहिए. परिवार का मतलब आप आपकी पत्नी और आपके बच्चे हैं. मतलब आप, आपकी पत्नी और आपके बच्चों की कुल आय 18 लाख प्रतिवर्ष से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.
- यह सुविधा 2016 के बाद लिए गए होम लोंस पर लागू होती है.
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