Saturday, April 8, 2017

अंतरिक्ष में प्रदूषण| Pollution| Space Danger

अंतरिक्ष में सभी वस्तुयें चाहे वो छोटीे हो या बड़ी एक ही गति से चलती हैं और यह गति 17500 मील प्रति घंटे की होती है. आप अनुमान लगा सकते हैं कि अगर एक छोटा सा कण भी इस गति से किसी सेटेलाइट से टकरा जाए तो वह कितना खतरनाक हो सकता है.
हम आए दिन यह खबर सुनते रहते हैं कि  किसी अन्तरिक्ष एजेंसी ने सेटेलाइट या उपग्रह लॉन्च किया है. अभी इसरो ने एक साथ 104 उपग्रह अंतरिक्ष में उतारे थे. इस पर पूरे विश्व में भारत वासियों ने गर्व महसूस किया था. लेकिन क्या हम जानते हैं कि इन अंतरिक्ष में बिखरे हुए उपग्रहों पर और धरती पर एक खतरा मंडरा रहा है? और यह खतरा है अंतरिक्ष में फैले कचरे का.
हर एक उपग्रह रॉकेट मंगलयान अपने पीछे छोटे बड़े कई तरह के कचरे अंतरिक्ष में छोड़ता है. यह सिलसिला 1950 से लगातार चला आ रहा है और आज हालात यह हैं कि यह छोटेे बड़े कचरे कचरा बड़े-बड़े स्पेस स्टेशन, सैटेलाइट्स के लिए खतरा बन गए हैं. इस अंतरिक्ष कचरे को ऑर्बिटल डेब्रिस कहते हैं.
खतरा कैसे?
अंतरिक्ष में सभी वस्तुयें चाहे वो छोटीे हो या बड़ी एक ही गति से चलती हैं और यह गति 17500 मील प्रति घंटे की होती है. आप अनुमान लगा सकते हैं कि अगर एक छोटा सा कण भी इस गति से किसी सेटेलाइट से टकरा जाए तो वह कितना खतरनाक हो सकता है अगर  यह सभी का एक ही दिशा में चल रहे हो तो यह खतरनाक नहीं होंगे लेकिन ऐसा नहीं होता है इसको हम इस तरह से समझ सकते हैं कि जैसे एक हाय हाईवे पर दो कार्य अगर 100 किलोमीटर प्रति घंटा से एक ही दिशा में चलें तो उनकी गति का पता नहीं चलता परंतु अगर वह एक दूसरे की तरफ खाकर आ रही हां तो वह दुगुनी रफ्तार से टकरा जाएंगी यह एक तरह का अंतरिक्ष प्रदूषण है जोकि बढ़ता ही जा रहा है
अंतरिक्ष में प्रदूषण का कारण
  1. एक अनुमान के मुताबिक 7000 से ज्यादा उपग्रह अंतरिक्ष में छोड़े गए हैं जिनमें से करीब 1500 ही कार्यरत है यह निष्क्रिय पड़े उपग्रह भी अंतरिक्ष को प्रदूषित कर रहे है और यह संख्या अगले दशक तक 18000 तक पहुंच जाएगी जो कि इस समस्या को और बढ़ा देगी इस तरह का प्रदूषण उपग्रहों स्पेस शटल और स्पेस स्टेशन के लिए बहुत बड़ा खतरा है
  2. चीन ने 2007 में अपने मिलिट्री ऑपरेशन के लिए एक अंतरिक्ष यान को बैलेस्टिक मिसाइल से ध्वस्त कर दिया था जिससे 3000 से ज्यादा छोटे-बड़े मलबे अंतरिक्ष में फैल गये
  3. इसी प्रकार से 2009 में रूस का एक उपग्रह अमेरिका के व्यवसायिक उपग्रह से टकराकर ध्वस्त हो गया था जिस से 2000 से भी ज्यादा छोटे बड़े मलबे  क्या हो गया अंतरिक्ष में फैल गए थे इस तरह की घटनाएं भी अंतरिक्ष के प्रदूषण को बढ़ा रही हैं.

अंतरिक्ष के कचरे को हम दो तरह से परिभाषित कर सकते हैं एक प्राकृतिक दूसरा कृत्रिम.
प्राकृतिक कचरा(Meteroids) जोकि सूर्य की कक्षा में घूमता रहता है और प्राकृतिक रूप से अंतरिक्ष में मौजूद है. जबकि कृत्रिम कचरा पृथ्वी की कक्षा में घूमता है और यह मानव निर्मित स्पेस शटल, स्पेस स्टेशन या उपग्रहों का हिस्सा है. इन्हीं मानवनिर्मित कचरे को ऑर्बिटल डेब्रिस कहते हैं.
नासा के अनुसार करीब 20,000 टुकड़े जो कि टेनिस बॉल के आकार के हैं और 500,000 मार्बल के समान या उससे बड़े हैं खोज लिए गए हैं किंतु लाखों टुकड़े ऐसे हैं जोकि 10 सेंटीमीटर से भी छोटे हैं और उन को खोजना आसान नहीं है और यही अंतरिक्ष मिशन के लिए सबसे बड़ा खतरा है

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