Saturday, April 8, 2017

परमाणु नीति में बदलाव| Nuclear War| India vs Pakistan

पाकिस्तान की तरफ से 'लगातार' आतंकी खतरे को काउंटर करने के लिए भारत परमाणु हथियारों का इस्तेमाल पहले न करने की अपनी नीति में बदलाव कर सकता है. शीर्ष परमाणु विशेषज्ञों ने यह राय जाहिर की है.
'टाइम्स ऑफ इंडिया' की रिपोर्ट के मुताबिक परमाणु हथियारों के विशेषज्ञों की राय है कि, 'भारत परमाणु हथियार का इस्तेमाल पहले न करने की अपनी नीति में बदलाव कर सकता है और यह नीति अपने पड़ोसी देश के खिलाफ पहले परमाणु हथियार के इस्तेमाल की नीति हो सकती है.' 
रिपोर्ट के मुताबिक विशेषज्ञों ने भारतीय प्रतिष्ठानों से मिले 'गूढ़ बयानों' के आधार पर यह अनुमान जताया है.
गौरतलब है कि कुछ समय पहले रक्षा मंत्री मंत्री मनोहर पर्रिकर ने परमाणु हथियारों के पहले इस्तेमाल न करने की नीति पर अपनी बात रखते हुए कहा था कि भारत को अपने परमाणु सिद्धांत के बारे में दोबारा से विचार करना चाहिए. हालांकि, पर्रिकर ने बाद में सफाई दी कि यह उनकी निजी राय थी.
पर्रिकर ने भी किया था इशारा
पर्रिकर के बाद पूर्व विदेश सचिव शिवशंकर मेनन ने भी माना कि किसी परमाणु ताकत संपन्न देश के खिलाफ भारत न्यूक्लियर हथियार कब इस्तेमाल करेगा, इससे जुड़ी स्थितियां साफ नहीं हैं. इन विचारों के बाद परमाणु विशेषज्ञ यह सोचने के लिए मजबूर हो गए कि क्या भारत परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के सिद्धांतों को नई दिशा दे रहा है.
इन अटकलों को उस वक्त और ज्यादा बल मिला, जब विश्व प्रसिद्ध मेसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी ( एमआईटी) के विद्वान विपिन नारंग ने वॉशिंगटन में आयोजित इंटरनैशनल न्यूक्लियर पॉलिसी कॉन्फ्रेंस में अपनी राय रखी. नारंग के मुताबिक, भारत परमाणु हथियारों के इस्तेमाल से जुड़ी 'नो फर्स्ट यूज' पॉलिसी को छोड़ सकता है. अगर उसे लगता है कि पाकिस्तान उसके खिलाफ किसी भी तरह का न्यूक्लियर हमला करने की योजना बना रहा है तो वह पहले ही परमाणु जंग छेड़ सकता है.

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